tag:blogger.com,1999:blog-5863758708477020761.post1692982144042468908..comments2023-08-21T02:04:38.406-07:00Comments on जज्बात: अन्नदाता की खुदकुशी का इंतजामMaskmanhttp://www.blogger.com/profile/17214482822915424147noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5863758708477020761.post-65766647790726154322010-02-02T23:06:33.112-08:002010-02-02T23:06:33.112-08:00ब्लॉग जगत का घिनौना चेहरा अविनाश
भारतीय ब्लॉगिंग ...ब्लॉग जगत का घिनौना चेहरा अविनाश<br /><br />भारतीय ब्लॉगिंग दुनिया के समस्त ब्लॉगरों से एक स्वतंत्र पत्रकार एवं नियमित ब्लॉग पाठक का विनम्र अपील-<br />संचार की नई विधा ब्लॉग अपनी बात कहने का सबसे प्रभावी माध्यम बन सकता है, परन्तु कुछ कुंठित ब्लॉगरों के कारण आज ब्लॉग व्यक्तिगत कुंठा निकालने का माध्यम बन कर रह गया है | अविनाश (मोहल्ला) एवं यशवंत (भड़ास 4 मीडिया) जैसे कुंठित<br />ब्लॉगर महज सस्ती लोकप्रियता हेतु इसका प्रयोग कर रहे हैं |बिना तथ्य खोजे अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर खबरों को छापना उतना ही बड़ा अपराध है जितना कि बिना गवाही के सजा सुनाना | भाई अविनाश को मैं वर्षों से जानता हूँ - प्रभात खबर के जमाने से | उनकी अब तो आदत बन चुकी है गलत और अधुरी खबरों को अपने ब्लॉग पर पोस्ट करना | और, हो भी क्यूं न, भाई का ब्लॉग जाना भी इसीलिए जाता है|<br /><br />कल कुछ ब्लॉगर मित्रों से बात चल रही थी कि अविनाश आलोचना सुनने की ताकत नहीं है, तभी तो अपनी व्यकतिगत कुंठा से प्रभावित खबरों पर आने वाली 'कटु प्रतिक्रिया' को मौडेरेट कर देता है | अविनाश जैसे लोग जिस तरह से ब्लॉग विधा का इस्तेमाल कर रहे हैं, निश्चय ही वह दिन दूर नहीं जब ब्लॉग पर भी 'कंटेंट कोड' लगाने की आवश्यकता पड़े | अतः तमाम वेब पत्रकारों से अपील है कि इस तरह की कुंठित मानसिकता वाले ब्लॉगरों तथा मोडरेटरों का बहिष्कार करें, तभी जाकर आम पाठकों का ब्लॉग या वेबसाइट आधारित खबरों पर विश्वास होगा |<br />मित्रों एक पुरानी कहावत से हम सभी तो अवगत हैं ही –<br />'एक सड़ी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है', उसी तरह अविनाश जैसे लोग इस पूरी विधा को गंदा कर रहे हैं |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5863758708477020761.post-64881632839344671582009-04-17T02:17:00.000-07:002009-04-17T02:17:00.000-07:00जानकारी भरे आलेख के लिए आभार ।जानकारी भरे आलेख के लिए आभार ।अफ़लातूनhttp://samatavadi.wordpress.comnoreply@blogger.com